वो बातें सिर्फ बातें हैं
किया वादा कि वसुधा का तिमिर मैं दूर कर दूँगा
जो मद उनमें है सत्ता का मैं वो मद चूर कर दूँगा
बना दूँगा सभी शीशे के जैसा पारदर्शी मैं
गरीबों के भी घर आकर मैं उसमें नूर भर दूँगा
किया विश्वास हम सब ने कि अब तुम ऊष्मा दोगे
मगर अब भी हमारे घर की रातें सर्द रातें हैं
जो नेता बोल देता है वो बातें सिर्फ बातें हैं।
नज़र तुम पर पड़ी जबसे तुम्ही हीरो हमारे थे
तुम्हारी कार्यशैली यूँ कि तुम हम सब के प्यारे थे
बड़ा ही कष्टमय जीवन था फिर तुम सामने आए
ग़मो में डूबती सन्ध्या में तुम दीपक हमारे थे
हमारे ख्वाब की दुनिया के तुम सबसे बड़े प्रहरी
मगर अफ़सोस प्रहरी ही हमारा घर लुटाते हैं
जो नेता बोल देता है वो बातें सिर्फ बातें हैं।
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