Saturday 9 June 2018

दर्पण तोड़े जाएंगे

आज नया आदेश किया है साहब ने
दर्पण जितने भी हैं तोड़े जाएंगे।

क्यों रोते हो?
दोषी हो तुम
तुमने सच की राह चुनी थी
लोकतांत्रिक
राजाओं की
बातें तुमने नहीं सुनी थी।

सत्य बोलने वाला गुनहगार होगा
जो भी प्रश्न करेगा गिरफ्तार होगा

आज नया आदेश किया है साहब ने
जितने हत्यारे हैं, छोड़े जाएंगे।

सज़ा मिलेगी
उमरकैद की
तड़पोगे, पछताओगे तुम
काल कोठरी
ऐसी होगी
रोओगे, घबराओगे तुम

तुमको खामोशी सिखलाई जाएगी
उनके मन की बात सुनाई जाएगी

आज नया आदेश किया है साहब ने
सारे सीधे रस्ते मोड़े जाएंगे।

                  - मोहित

प्रेम-पत्र

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