Thursday 27 April 2017

मुक्तक

मेरे दिल की तो हर धड़कन तेरी साँसों में बसती है,
बुलाती है तुम्हें हर पल तेरा ही नाम जपती है,
मैं कोशिश तो बहुत करता हूँ तुमको भूल जाऊँ पर,
तुम्हारी याद में खोकर मेरी आँखें बरसती हैं।

नज़र गर प्यार की हो तो ये धरती प्यार देती है,
जो नफरत से भरा हो दिल, सदा अंधियार देती है,
किया, देखा, सुना, जाना, मगर इतना समझ पाया,
मोहब्बत जीत देती है, तो नफरत हार देती है।

Monday 3 April 2017

राम भगवान क्यों हैं????

राम भगवान क्यों है??
दो दिन पूर्व आपसे मैंने पूछा था। मेरा उद्देश्य राम के अस्तित्व पर प्रश्न चिह्न खड़ा करना नहीं था। मेरा उद्देश्य था कि मैं उस बहाने से आपकी प्रतिक्रिया प्राप्त करूँ जिससे आगे अन्य लोगों से राम को अनुशरण करने का संदेश दे सकूँ।
आइये जानते हैं कि राम भगवान क्यों हैं--
1- राम हमेशा विनम्रता के साथ रहे।
2- राम ने बिना हमेशा बड़ो का सम्मान किया।
3- राम के अंदर राजा होने का घमंड नहीं था।
4- राम जाति नहीं बल्कि कर्म और विद्वता और अनुभव के आधार पर लोगों का पद निश्चित करते थे।
5- पुष्पवाटिका में माली से फूल चुनने के लिए निवेदन किया, निषाद राज से उनके पास रहने की विनती की, केवट से नदी पार कराने की प्रार्थना की, समुद्र से रास्ता देने के लिए निवेदन किये।
6- माता पिता को हमेशा सम्मान दिया।
7- गुरुजनों की आज्ञा का पालन किया।
8- अपनी पत्नी के प्रति हमेशा वफादार रहे।
9- अपने भाइयों को, जनता को हमेशा प्रेम से रखा।
10- विरोधियों की विद्वता का सम्मान किया।
11- हमेशा न्यायप्रिय रहे, सच्चाई के लिए लड़े।
12- हमेशा सकारात्मक रहे।
13- उत्साह बरकरार रखा।
14- संयमित जीवन जिए।
और सबसे महत्वपूर्ण-
15- लोक कल्याण हेतु व्यक्तिगत स्वार्थ को त्याग दिया।
अतः अगर हम भी इन आदर्शों के साथ जियें तो हम भी राम हो सकते हैं, क्योंकि हमारी आत्मा ईश्वर का अंश है, हमारे शरीर का प्रत्येक कण ईश्वरमयी है। बस आवश्यकता है उसे पहचानने की। आध्यात्मिक होकर ही हम ये समझ सकते हैं।
#जय_श्री_राम
#जय_हिंद

Saturday 1 April 2017

आज प्यार आया फिर उस पर

जिसके संग रहने के सपने दिन रात बुना मैं करता था,
जिसकी बातों का मधुर गान सदा साथ मेरे चलता था,
एक काम बस मेरा बतियाना जिससे था दिनभर,
आज प्यार आया फिर उस पर......

जिसने जीवन को मेरे मृदु स्वर में सदा संजोया था,
खिले पुष्प की खुशबू को साँसों में मेरी पिरोया था,
जीवन जिसने काव्यमय किया जिसने प्यार दिया हर पल,
आज प्यार आया फिर उस पर......

प्रेम-पत्र

प्रिये! तुम कहाँ हो? कैसी हो? इन सबके बारे में मुझे कुछ नहीं पता। सिर्फ कल्पनायें कर सकता हूँ, कि जहाँ हो, कुशल से हो। बीते एक साल में जीवन...