Saturday 1 April 2017

आज प्यार आया फिर उस पर

जिसके संग रहने के सपने दिन रात बुना मैं करता था,
जिसकी बातों का मधुर गान सदा साथ मेरे चलता था,
एक काम बस मेरा बतियाना जिससे था दिनभर,
आज प्यार आया फिर उस पर......

जिसने जीवन को मेरे मृदु स्वर में सदा संजोया था,
खिले पुष्प की खुशबू को साँसों में मेरी पिरोया था,
जीवन जिसने काव्यमय किया जिसने प्यार दिया हर पल,
आज प्यार आया फिर उस पर......

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