ज़रा-सा आँखें चार कर लो
गोरी हमसे प्यार कर लो।
हर डाली से फूल चुना है
प्यार की माला रोज बुना है
राह तुम्हारी तकते तकते
प्यार बढ़ा ये कई गुना है
रहोगी मेरी पलकों पर तुम
ओ गोरी ऐतबार कर लो।
जाने कब से राह तकी है
हर पल मन में आस उठी है
प्रिये तुम्हारे इंतजार में
आँखें हज़ारों रात जगी हैं
अब आई हो अगर सामने
संग जीवन का सार कर लो।
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