Monday 19 June 2017

ग़ज़ल (व्यक्ति में अभिव्यक्ति)

व्यक्ति में अभिव्यक्ति होनी चाहिए
हर किसी में शक्ति होनी चाहिए।

खेल जाएँ जान पर इसके लिए
भारती की भक्ति होनी चाहिए।

पुण्य कर्मो में सदा हम रत रहें
पाप से तो मुक्ति होनी चाहिए।

हो न हिन्दू या कि मुस्लिम हम सभी
एकता की शक्ति होनी चाहिए।

जो कि अमृत पान हो मनु के लिए
वेद सी हर पंक्ति होनी चाहिए।

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